23 नवंबर 2010
आइये उत्सव मनायें!
30 जुलाई 2010
प्रेमचंद जयंती पर
03 मई 2010
पुस्तक लोकार्पण और परिचर्चा की रिपोर्ट
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पुस्तक लोकार्पण का दृश्य |
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कमल नयन काबरा जी |
27 दिसंबर 2009
साहित्यकार की जगह सडक नहीं होती




सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने मंहगाई को राष्ट्रीय आपदा घोषित किये जाने, शिक्षा, रोटी और रोज़गार को मौलिक अधिकार बनाये जाने तथा नयी आर्थिक नीति वापस लेने की मांग की। एटक के राजेश शर्मा, कैलाश कोटिया, युवा संवाद के अजय गुलाटी, स्त्री अधिकार संगठन कि किरण, सीटू के श्याम कुशवाह, इण्डियन लायर्स एसोशियेशन के गुरुदत्त शर्मा तथा यतींद्र पाण्डेय, ग्वालियर यूनाईटेड काउंसिल आफ़ ट्रेड यूनियन्स के एम के जायसवाल, एम पी मेडिकल रिप्रेज़ेन्टेटिव यूनियन के राजीव श्रीवास्तव, आयुष मेडिकल एसोसियेशन के डा अशोक शर्मा, डा एम पी राजपूत, जन संघर्ष मोर्चे के अभयराज सिंह भदोरिया, नगर निगम कर्मचारी यूनियन के अशोक ख़ान, प्रलेसं के भगवान सिंह निरंजन सहित तमाम वक्ताओं ने इस संयुक्त मोर्चे को वक़्त की ज़रूरत बताते हुए संघर्ष की लौं तेज़ करने का संकल्प किया। संचालन युवा कवि अशोक कुमार पाण्डेय ने किया।
लेकिन जहां एक तरफ इन तबकों ने अपनी व्यापक एकता का परिचय दिया, शहर के मूर्धन्य काग़ज़ी शेर उर्फ़ साहित्यकार इससे दूर ही रहे। एक साहब को जब हमने फोन लगाया तो उत्तर मिला-- ''अरे भाई यह हमारा काम नहीं है। साहित्यकार की जगह सडक नहीं होती।'' आप को क्या लगता है?
25 दिसंबर 2009
मंहगाई हमारा भी मुद्दा है!

मंहगाई के खिलाफ साझा अभियान
मंहगाई के खिलाफ रैली और धरना आज
मोर्चे के गुरुदत्त शर्मा तथा अभय राज सिंह भदोरिया ने इस अवसर पर शहर के तमाम बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, ट्रेडयूनियन कर्मियों तथा आमजनों से व्यापक भागीदारी की अपील की है।
भवदीय
(अशोक कुमार पाण्डेय)
संयोजक, संयुक्त मोर्चा
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निवेदक
युवा संवाद, जलेस, प्रलेस, इप्टा, संवाद, गुक्टु, एटक, सीटू, स्त्री अधिकार संगठन, नगर निगम यूनियन, बीमा कर्मचारी यूनियन, इण्डियन लायर्स एसोसियेशन, आल इण्डिया बैंक इंप्लाईज एसोसियेशन, नागरिक मोर्चा, जूटा, एम पी एम आर यू, बीएसएनएल यूनियन, आई डी ए
05 दिसंबर 2009
धार्मिक कट्टरपंथ तथा आतंकवाद

04 दिसंबर 2008
आतंक एवं साम्प्रदायिकता के खिलाफ
५ दिसम्बर , ग्वालियर. युवा संवाद, ग्वालियर की पहलकदमी पर शहर के अनेक प्रगतिशील तथा जनपक्षधर संगठनों ने बम्बई में हुए नृशंश आतंकी हमले और देश में बढ़ते सांप्रदायिक फासीवाद के खिलाफ शांति मार्च निकालने का फैसला लिया है. इस मार्च में युवा संवाद, प्रगतिशील लेखक संघ, इप्टा, जनवादी लेखक संघ, संवाद, पैरवी, इंडियन लायर्स असोसिएसन, कर्मचारी मोर्चा, स्त्री अधिकार संगठन सहित नगर के तमाम लेखक, बुद्धिजीवी, संस्कृतिकर्मी, छात्र तथा आम जन शामिल होंगे. यह शांतिमार्च कल ६ दिसम्बर शाम ५.३० बजे पड़ाव स्थित कला विथीका से शुरू होकर फूलबाग स्थित गाँधी पार्क पर समाप्त होगा जहाँ गाँधी जी की प्रतिमा के सामने मौन रखकर इस कार्यवाही के शिकार मासूमो को श्रद्धांजलिअर्पित की जायेगी. युवा संवाद के संयोजक अजय गुलाटी ने सभी लोगों से इसमे सक्रिय भागीदारी की अपील की है.
09 नवंबर 2008
महामंदी की मार
आधार वक्तव्य देते हुए अशोक कुमार पाण्डेय ने समयांतर में प्रकाशित सचिन के लेख को उद्धरित करते हुए सवाल उठाया की अगर सरकारें मुसीबत में पूंजीपतियों को जनता के पैसों से बेल आउट पैकेज दे सकती हैं तो जनता को बचाने के लिए पूंजीपतियों के धन का उपयोग क्यों नही किया गया ? चर्चा में सी पी आई के जिला सचिव राजेश शर्मा , नीला हार्डिकर , डॉ सीमा शर्मा, डॉ अन्नपूर्ण भदोरिया ने बात को आगे बढ़ते हुए कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले दो दशकों में कामगारों कि उत्पादकता और कीमतें बढ़ी लेकिन मजदूरी उस अनुपात में नही बढ़ी जिससे लोगों कि क्रय शक्ति घट गयी और अति उत्पादन हो गया जिसने मंदी को जन्म दिया।इस मंदी से बचने के लिए सरकार पूंजीपतियों कि मदद कर रही है। आम लोगों के लिए कुछ नही किया जा रहा है जिससे बेकारी बढ़ रही है इससे भविष्य और कठिन होगा ।
बाद में यह तय किया गया कि जनता के बीच इसे लेकर एक अभियान चलाया जाए।यह भी तय किया गया की युवा दखल का अगला अंक महा मंदी पर विशेषांक निकला जाए.