15 मार्च 2013

बाज़ार को समझने के लिए मेरे बालों से बेहतर कोई दूसरा उदाहरण नहीं ।


शमशाद इलाही अंसारी "शम्स" 

मेरे बाल लम्बे है; मैं जब भी उन्हें धोता हूँ, तब पहले शैम्पू करना होता है। बालो को उलझाने के लिए उससे अच्छा कोई उपाय नहीं, फिर सुलझाने के लिए कंडीशनर लगाना होता है। बाज़ार, पूंजीवाद का अभेग्य अस्त्र है उसके बिना इसका ज़िंदा रहना मुश्किल है और बाज़ार को समझने के लिए मेरे बालों से बेहतर कोई दूसरा उदाहरण नहीं, कुछ समझे ??

पहले सिर्फ नेल पालिश बिकती थी अब पालिश रिमूवर उसके जितना ही बिकता है फिर मालूम हुआ कि नाखूनों को नौरिश्मेंट भी होना चाहिए तो एक नया उत्पाद और बाज़ार में।  खाद्यान्न उत्पादन के लिए पहले खूब खादों का इस्तेमाल हुआ जाने क्या क्या खिला दिया अनाज के साथ, अब बता रहे है कि उसके साइड इफेक्ट्स है लिहाजा अब शुद्ध प्राकृतिक तरीके से खेती कर के आर्गेनिक के नाम पर सब्जियां चार गुने भावों पर बेची जा रही है, इसका एक नया बाज़ार डेवलप किया जा रहा है कंप्यूटर खरीदो साथ में ट्रायल पीरियड के लिए कुछ साफ्ट वेयर होगे ३-४ माह बाद आप अगर उन्हें न खरीदो तो कंप्यूटर ही जाम हो जाएगा

 अर्ज़ यह है कि मुनाफा आज इतना हावी है कि वह मानवीय जीवन की उलझने दूर करने के लिए नहीं वरन उसे पेचीदा बना कर फिर उसे हल करने के नाम पर सामान बेचा जाता है पूंजीवाद का यह रूप जनविरोधी ही नहीं सम्पूर्ण समाज के हितो के विरुद्ध है, जो शोषण के माध्यम से जनता की गाढ़ी कमाई अपनी तिजोरियो में भरता है न जाने कितने ऐसे उत्पाद आज बाज़ार में है जिनके कारण लोग बीमार होते है और फिर उस बीमारी की दवा खाते है जिसका अरबों डालर का धंधा है  न परतो को खोले बिना हम बाज़ार के इस जन विरोधी स्वरूप को नहीं जान पायेंगे

पहले बाज़ार शहर के बाहर या एक तरफ या किसी ख़ास जगह साप्ताहिक लगा करता था, जिसे खरीदने के लिए खरीदार वहां खुद जाता और अपनी आवश्यकता के अनुसार खरीदता था अब बाज़ार आपके घर के अन्दर आ पहुंचा है और आपको ऐसी ऐसी वस्तुएं खरीदने को उकसाता है जिनकी आपको जरुरत नहीं ...यह भी अहसास दिलाता है कि उनके बिना आपका जीवन बेकार है बाज़ार जब अपनी जरूरतों के लिए आपके घर में घुसने लगे तभी समझो कि अब मसला गंभीर है