13 मई 2012

सत्यमेव जयते !! मजदूरो ,श्रमिकों,किसानो का भी एक सत्य है ; आमिर साहब इस सत्य को भी जिता दीजिए ना...


  •  आशीष देवराड़ी

आमिर असमानता से भरे इस पूंजीवादी समाज के उस छोर पर खड़े है जहा वे लोगो के भयंकर शोषण से प्राप्त मुनाफे के हकदार हैं | इसलिए उनका सच एकतरफा सच है |उनके सच की भी एक सीमा है | उनका सच इस पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ कभी नहीं होगा जबकि यह व्यवस्था शोषक शोषित की समस्या से इतर कई सामाजिक समस्याओं की जन्मदायनी भी है |क्या आमिर इस बात को उठा सकते है कि धूप छाँव मे जी तोड़ मेहनत करने वाले किसी श्रमिक की आमदनी से कैमरे के सामने महज कुछ घंटे हाथ पाँव मटकाने वाले आमिर की आमदनी कैसे लाखो गुना अधिक है ?




लेनिन ने स्पष्ट कहा था कि पूँजीपतियों के पैसे से चलने वाले संचार माध्यम पूँजी की ही सेवा कर सकते हैं | आमिर का शो ' सत्यमेव जयते ' इस सेवा से अलग और क्या कर रहा है ? वह माइंड सेट करने का काम कर रहा है व्यवस्था ठीक है बस कुछ सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएँ है जिनका हल इस व्यवस्था के भीतर संभव है |यह सीधे सीधे पूंजीवादी समाज को मौन स्वीकृति प्रदान करना है | भ्रूण हत्या और बाल यौन शोषण जैसी समस्याओं को सामने लाने की आवश्कता है तो क्यों नहीं इस सच को भी की अनाज पैदा करने वाला भूखा मरता है | क्यों नहीं इसे कि दूसरों के घर बनाने वाला खुद आसमानी छत के नीचे रहता सोता है |और क्यों ना इसे भी दूसरों के कपडे बुनने वाला खुद नंगा रहता है | तो आमिर साहब मजदूरो ,श्रमिकों, किसानो का भी एक सत्य है | क्या इस सत्य को भी सामने लाने की आवश्कता नहीं है ? इसे जिताने की आवश्कता नहीं है ? है बिलकुल है आखिर आप ही कहते है ना सत्यमेव जयते !!!! -

7 टिप्‍पणियां:

Santosh ने कहा…

आमिर न तो भारत की वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था के जन्मदाता हैं और न ही कोई सामजिक या राजनैतिक कार्यकर्ता या बुद्धिजीवी ! उनके खुद के शब्दों में वे केवल एक "Enternainer " और कलाकार भर हैं और अपनी इस छमता का प्रयोग लोगों को सोचने के लिए कर रहे हैं ! फिर , इस व्यवस्था का इस्तेमाल करते हुए अपनी बात कहना कोई गुनाह नहीं है और उस समय में जब उसी मजदूर, किसान का नेता संसद में FDI और निजीकरण की नीति निर्धारण में सहयोग करता दीखता है ! आमिर न तो व्यवस्था की पैरोकारी कर रहे हैं और न ही विरोध , आखिर ये उनका काम क्यूँ कर है ? जरा ये बताइए ! मुझे लगता है कि वे मात्र एक सजग नागरिक होने का दायित्त्व के निर्वहन को अपनी छवि के द्वारा बहुत ही शानदार तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं !

नदिया तीरे ने कहा…

जिस कार्यक्रम'सत्यमेव जयते'की मार्केटिंग में ही बीस करोड़ का खर्चा किया गया है, उसका NET PROFIT कितना होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है.??
देशभक्ति और समाज सेवा को मुद्दा बनाकर सिर्फ पैसा कमाया जा रहा है.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की आमिरखान कितना पैसा कमा रहे है ! देश के अंदर ऐसे सैकड़ो मुद्दे है जीने जनता के सामने लेन के लिए क्या हमें अमीर खान जैसे सेलेब्रिटी पर ही निर्भर रहना पड़ेगा ,,,,,ते तो खाए - पी अघाए लोग है इनका क्या ,,जहा पासा वह हम वाली मिशाल कायम करते है

नदिया तीरे ने कहा…

जिस कार्यक्रम'सत्यमेव जयते'की मार्केटिंग में ही बीस करोड़ का खर्चा किया गया है, उसका NET PROFIT कितना होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है.??
देशभक्ति और समाज सेवा को मुद्दा बनाकर सिर्फ पैसा कमाया जा रहा है

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

अभी यह सवाल उठाना कि आमीर क्या नहीं उठा रहे हैं, मुझे थोड़ी जल्दबाजी लग रही है। अभी दो पोस्ट में जिन मुद्दों को उन्होने उठाया वे प्रशंसनीय नहीं हैं।

Khushdeep Sehgal ने कहा…

आमिर की आंधी से किसकी चांदी

​जय हिंद...

आशीष देवराड़ी ने कहा…

प्रति एपिसोड तीन करोड़ लेकर बढ़िया जागरूकता पैदा कर रहे है आमिर !!! उनका ये तीन करोड़ लेना ऊपर से देखने पर कितना ही जायज नजर क्यों ना आता हो पर आखिर ये तीन करोड़ आता कहा से है ?? ये आता है उन कोर्पोरेट घरानों से जो इस शो क्व प्रायोजक है ओर जिनके अमानवीय चेहरे की कल्पना आम आदमी कर ही नहीं पाता| आमिर पूँजीवादी शोषण से मुक्ति की बात नहीं करते ऐसे मे वे पूँजीवाद के ही समर्थक होते हैं|

Ram Kumar Savita ने कहा…

Intjar kijiye abhi yese aur bhi "Samaj Sevak" aayenge. Aamir, Anna aur Ramdev shrankhala ki ek kadi hain.
"Sab kuchh thik thak hai, jara si marammat ki awashyata hai." yesi santvanaon ke sahare bargalane ka siilsila jari hai.