प्रेस नोट
जानी-मानी लेखिका और
स्त्री अधिकार कार्यकर्ता शीबा असलम फहमी के घर पर दिल्ली में हुए इमाम बुखारी
समर्थकों के बर्बर हमले का हम कडा विरोध करते हैं. साम्प्रदायिक कट्टरता के खिलाफ
खुलकर लिखने वाली शीबा को धमकियां लंबे समय से मिल रही थीं और इसके पहले भी उन पर
हमले हुए हैं. देश में लगातार सर उठा रहे दक्षिणपंथी कट्टरपंथ को रोकने में सरकार
की नाकामयाबी ने जनपक्षधर लेखकों के लिए तमाम मुश्किलात खडी कर दी हैं और लोकतंत्र
के समक्ष यह एक बड़ी चुनौती है.
दखल विचार मंच इस घटना
की कड़ी निंदा करता है और शीबा के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित करता है. साथ ही हम
दिल्ली की मुख्यमंत्री माननीय शीला दीक्षित जी से अपराधियों के खिलाफ शीघ्र कड़ी
से कड़ी कार्यवाही करने की तथा शीबा असलम फहमी और उनके परिवारजनों की समुचित
सुरक्षा व्यवस्था की मांग करते हैं.
सादर
संयोजन समिति, दख़ल विचार मंच
13 टिप्पणियां:
I stand for Sheeba.
I stand for Sheeba.
I am with Sheeba.
mitro ,yuva dhakhal dwara jo note taiyar kiya gaya hai mera sujhav hai sabhi log is aashay ka note apane-apane star se mukhamantree ke nam par e-mail karen.
mitro ,yuva dhakhal dwara jo note taiyar kiya gaya hai mera sujhav hai sabhi log is aashay ka note apane-apane star se mukhamantree ke nam par e-mail karen.
धर्म के नाम पर अपनी स्वार्थ सिद्दि करने वालों के खि्लाफ बोलना वाकई अभिव्यक्ति के खतरे उठाना ही है अपने इस हौसले के लिये शीबा जी साधुवाद की पात्र हैं साथ ही उन पर हमला करने वाले का कायरतापूर्ण और शर्मनाक कॄत्य अत्यन्त निन्दनीय है
धर्म के नाम पर अपनी स्वार्थ सिद्दि करने वालों के खि्लाफ बोलना वाकई अभिव्यक्ति के खतरे उठाना ही है अपने इस हौसले के लिये शीबा जी साधुवाद की पात्र हैं साथ ही उन पर हमला करने वाले का कायरतापूर्ण और शर्मनाक कॄत्य अत्यन्त निन्दनीय है
हम सब सुबह से हर पोस्ट पर शीबा के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते चले आ रहे हैं. कठमुल्लों द्वारा किया गया यह हमला विचारवान लोगों को आतंकित करने की घटना तो है ही, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला है. जयपुर से हम चार मित्रों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री को मेल भेज कर घटना पर आक्रोश तो व्यक्त किया ही है, शीबा की सुरक्षा सुनिश्चित करने व अपराधियों के खिलाफ़ कड़ी कारवाई की मांग भी की है.
हम शीबा के साथ हैं , और इस घटना की तीव्र भर्तस्ना करते हैं । यदि इस घटना को अभी नहीं रोका गया तो ये एक बहुत ही गलत परंपरा की शुरूआत होगी
ऐसे हमले होते रहे हैं और होते रहेंगे ! हमें अपनी एकजुटता का प्रदर्शन सरकार पर दबाव बनाने के लिए करना होगा तथा अन्य जनवादी संगठनों से भी मदद लेनी होगी !
यह सब कांगेस की हनक खोते जाने का दुष्परिणाम है ०शीबा पर ऐसे कायराना हमले की जम कर भर्त्सना होनी ही चाहिए -शर्म शर्म !
दुर्भाग्य जनक वाकिया...
प्रभावी कार्यवाही आवश्यक है...
sahmat hoon.. samrthan deti hoon..
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