आ गए चुनावों के परिणाम।
किसी ने कांग्रेस की ऎसी जीत की कल्पना नही की थी, न बी जे पी की ऎसी हार की।
तीसरा , चौथा मोर्चा सूटकेसों और मनुहारों की कल्पना से उबर भी नही पाया हो अब तक शायद।
गांधीनगर से दिल्ली के दो वेटिंगटिकट थे - दोनों कन्फर्म नही हुए! इलाहाबाद वाले अब वाया बनारस दिल्ली पहुंचे तो अब टर्राने लगे हैं। इन वेटिंग टिकटों की किस्मत में आर ऐ सी होना भी नही लिखा !
अब शायद यह देश की जनता इन चेहरों के पीछे छिपे खतरनाक मंसूबो को धीरे धीरे पहचान रही है। चलिए मान लेते है और खुश हो लेते हैं। और साथ ही तैयार रहिये निजीकरण की आंधी के लिए.
2 टिप्पणियां:
सही कहा भाई।
वाकई, लेकिन देखना यह है, कि जिस जनता ने इन पर भरोसा कर, इन्हे जीताकर, सत्तासीन किया है, वो कब तक इनके कारनामों से बेखबर, आंखे मूंदे रहती है...
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