15 सितंबर 2008

अब नई दखल होगी 'युवा दखल'


दोस्तों ,

कुछ तकनीकी कारणों से इस अंक से पत्रिका का नाम युवा दखल किया जा रहा है।


इस बार हमने इसे युवा विशेषांक के रूप में निकलने का फैसला किया है।

इस अंक में मीडिया पर "पवन मेराज" , "शिक्षा ,आरक्षण और बाज़ार" पर अजय गुलाटी , "नैनो और अनाज" पर अशोक चौहान ने लिखा है। साहित्य के अंतर्गत जेफरी आर्चर की कहानी , वेणु गोपाल तथा कुमार विकल की कवितायें तथा दलित जीवनियों पर जीतेन्द्र बिसारिया का आलेख होगा। फिरोज़ का कालम "ये अलग मिजाज़ का शहर है", तो होगा ही। चार अतिरिक्त पन्नो पर भगत सिंह से जुड़ी सामग्री होगी।

अगर आप प्रिंट में पढ़ने के शौकीन हैं तो युवा दखल की वार्षिक सदस्यता है १० रुपये और सम्पादकीय पता है -

५०८, भावना रेसीडेंसी , सत्यदेव नगर , गाँधी रोड , ग्वालियर -474002

1 टिप्पणी:

pradeep ने कहा…

accha pryas hai..kya nai dakhal ka naam humeha k liye yuva dakhal ho reha hai, yadi haa to aisa na kere..nai dakhal ka neya issue accha lega..khasker bisaeriya ji story aaur short story bhi....neye issue ka intjaar rehega...
aapka
pradeep
yuva samvad, bhopal