01 अक्तूबर 2008

युवा दिवस का सफल आयोजन




पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार हमने पिछली २८ तारीख को शहीदे आज़म भगत सिंह के जन्म दिवस को युवा दिवस के रूप में मनाया।
कार्यक्रम के आरम्भ में युवा दखल के युवा विशेषांक का विमोचन हुआ.
इस अवसर पर आयोजित परिचर्चा में इलाहाबाद से लाल बहादुर वर्मा और दिल्ली से पंकज बिष्ट ने विशेष रूप से भागीदारी की। इसके अलावा ग्वालियर शहर के तमाम संस्कृतिकर्मी, बुद्धिजीवी, लेखक, छात्र ,महिलायें तथा राजनैतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे. 'बाज़ार में युवा तथा भविष्य का स्वप्न ' विषय पर बोलते हुए श्री बिष्ट ने कहा की आज बाज़ार का नियत्रण पूरी तरह से पूंजीपतियों के हाथ में आ गया है और इसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। पिछले एक दशक से रोज़गारविहीन विकास हो रहा है और इस परिदृश्य में भविष्य का स्वप्न धुंधला रहा है। प्रो वर्मा ने कहा की आज परिवर्तन की उम्मीद सिर्फ़ युवाओं से ही है.बाज़ार के इस विस्तार में भी युवा अपनी रचनाशीलता के साथ परिदृश्य को प्रभावित कर रहा है। युवा संवाद के नारों "चुप्पी के माहौल में संवाद बनाने की कोशिश " तथा "ख़ुद को बेहतर बनाते हुए दुनिया को बेहतर बनने की कोशिश " को दो बेहद ज़रूरी नारे बताते हुए उन्होंने कहा की बेहतर लोग ही बेहतर दुनिया बना सकते हैं।
सञ्चालन अशोक कुमार ने, परिचय किरण ने, स्वागत अजय ने तथा आभार अशोक चौहान ने किया.

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