आज दोपहर में प्रो शमसुल इस्लाम के एक एस एम एस से यह दुखद सूचना मिली कि वरिष्ठ समाजवादी चिंतक सुरेन्द्र मोहन जी नहीं रहे। दख़ल विचार मंच उनको हार्दिक श्रद्धांजलि देता है। यहाँ यह लघु रिपोर्ट हिंदुस्तान लाईव से साभार
प्रख्यात समाजवादी नेता एवं चिंतक तथा स्तंभकार सुरेन्द्र मोहन का शुक्रवार को नई दिल्ली में अपने निवास पर निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही प्रतिबद्ध विनम्र सज्जन तथा सत्ता से दूर रहने वाले राजनीतिज्ञों की आखिरी कडी़ टूट गई।
84 वर्षीय सुरेन्द्र मोहन ने सुबह 7.30 बजे के करीब नींद में ही अंतिम सांसे ले ली। उनका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर दोपहर तीन बजे किया जाएगा। लोकनायक जयप्रकाश नारायण तथा डॉ. राममनोहर लोहिया के निकट रहे सुरेंद्र मोहन प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव थे और देश में समाजवादी आंदोलन के नेताओं की आखिरी कडी़ थे। नीतीश कुमार, लालू यादव, रामविलास पासवान जैसे अन्य राजनीतिक उनके शिष्यों में थे।
देश में जब आपातकाल लगा था तो वह करीब 19 महीने जेल में रहे 1977 में जनता पार्टी के महासचिव एवं प्रवक्ता भी थे। चार दिसम्बर 1926 को अम्बाला शहर में जन्मे सुरेन्द्र मोहन 1978 से 1984 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे तथा 1996-98 में खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
प्रख्यात समाजवादी नेता एवं चिंतक तथा स्तंभकार सुरेन्द्र मोहन का शुक्रवार को नई दिल्ली में अपने निवास पर निधन हो गया। उनके निधन के साथ ही प्रतिबद्ध विनम्र सज्जन तथा सत्ता से दूर रहने वाले राजनीतिज्ञों की आखिरी कडी़ टूट गई।
84 वर्षीय सुरेन्द्र मोहन ने सुबह 7.30 बजे के करीब नींद में ही अंतिम सांसे ले ली। उनका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर दोपहर तीन बजे किया जाएगा। लोकनायक जयप्रकाश नारायण तथा डॉ. राममनोहर लोहिया के निकट रहे सुरेंद्र मोहन प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव थे और देश में समाजवादी आंदोलन के नेताओं की आखिरी कडी़ थे। नीतीश कुमार, लालू यादव, रामविलास पासवान जैसे अन्य राजनीतिक उनके शिष्यों में थे।
देश में जब आपातकाल लगा था तो वह करीब 19 महीने जेल में रहे 1977 में जनता पार्टी के महासचिव एवं प्रवक्ता भी थे। चार दिसम्बर 1926 को अम्बाला शहर में जन्मे सुरेन्द्र मोहन 1978 से 1984 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे तथा 1996-98 में खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
2 टिप्पणियां:
vinamr sharadhanjali.
"एक दिन मैं भी नहीं रहूँगा यहाँ"…सत्य...इतनी सहजता से व्यक्त हुआ और मर्मस्पर्शी बन गया.
एक टिप्पणी भेजें