10 नवंबर 2008

महमूद दरवेश


मै वहीं से आया हूँ
मै यह आकाश उसकी माँ को देता हूँ
जब आकाश उस माँ के लिए रोता है
मै रोता हूँ उधर लौटता हुआ
ताकि बादल जान सके
मैंने ये सारे शब्द खून के
प्यार के लायक समझ कर लिखे
जिससे मै नियम तोड़ सकू
मैंने वे सारे शब्द सीखे और उन्हें तोड़ डाला
जिससे एक शब्द लिख सकूँ
' home land '

- महमूद दरवेश





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