tag:blogger.com,1999:blog-4286453931356744099.post3442125445938276663..comments2023-08-27T07:13:28.314-07:00Comments on दख़ल विचार मंच : बहस बनाम कुत्ताघसीटीAshok Kumar pandeyhttp://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4286453931356744099.post-23150021717671433752009-06-14T21:14:07.571-07:002009-06-14T21:14:07.571-07:00आप को यह जवाब लिखने की भी जरूरत नहीं थी। जवाब तो स...आप को यह जवाब लिखने की भी जरूरत नहीं थी। जवाब तो स्तरीय लोगों को दिया जाता है। शरद जी की बात तवज्जो देने लायक है। हम सब को आपकी किताब का इंतजार है।Rangnath Singhhttps://www.blogger.com/profile/01610478806395347189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4286453931356744099.post-13417716314075159652009-06-09T08:28:22.312-07:002009-06-09T08:28:22.312-07:00शरद भाई और आदरणीय दिनेश जी
अब तो कसम खा ली है कि प...शरद भाई और आदरणीय दिनेश जी<br />अब तो कसम खा ली है कि पूरी तरह परखे बिना किसी के साथ नहीं जाऊंगा।Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4286453931356744099.post-1334580151303270212009-06-07T16:27:45.979-07:002009-06-07T16:27:45.979-07:00अशोक तुम्हारा अंतिम जवाब बिलकुल सही है.अब इस जवाब ...अशोक तुम्हारा अंतिम जवाब बिलकुल सही है.अब इस जवाब का भी कोई जवाब दे तो क्या करोगे? वैसे इस तरह के लोग तो हर कहीं मिलते रह्ते हैं.तुम्हारी किताब महत्वपूर्ण है.उस पर और कविताओं पर ध्यान केन्द्रित करो आखिर इस कुत्ताघसीटी मे रखा क्या है?शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4286453931356744099.post-47396919001525776252009-06-07T03:25:14.001-07:002009-06-07T03:25:14.001-07:00पुस्तक के लिए बधाई!
ब्लाग ऐसा माध्यम है जहाँ आप ह...पुस्तक के लिए बधाई! <br />ब्लाग ऐसा माध्यम है जहाँ आप हाइड पार्क की तरह कुछ भी कह सकते हैं। आप का टिप्पणी बक्सा चालू है तो कोई भी कुछ भी आ कर कह सकता है। लेकिन दीवार पर लिखी पंक्तियों से शायद अधिक मजबूत है, अन्तर्जाल पर लिखी पंक्तियाँ, जब जरूरत होगी काम आएंगी। बस इतना विनम्र निवेदन है कि जो कहा जाए उसे पूरी विनम्रता के साथ कहा जाए। जवाब में पत्थर से ले कर हाइड्रोजन बम तक जो मिले उसे भी विनम्रता पूर्वक झेल लिया जाए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com